India vs England: पहला टेस्ट मैच 2025

20 जून 2025, क्रिकेट को पसंद करने वालों की नजरे भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले टेस्ट मैच पर टिकी थी। यह पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला था। जो न कवल 2025 – 27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में नए चक्र की शुरुआत थी, दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट के लिए एक नए युग का प्रतीक भी था।इस मैच में भारतीय टीम का नेतृत्व युवा और प्रतिभाशाली शुभमन गिल कर रहे थे, भारतीय टीम एक ऐसी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थी, जिसमें अनुभवी खिलाड़ियों की अनुपस्थिति और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों की जिम्मेदारी प्रमुख थी। दूसरी और इंग्लैंड की टीम का नेतृत्व ‘बेन स्टोक्स’ कर रहे थे, जो की अपनी आक्रामक “बेजबॉल” रणनीति के साथ  मैदान में उतरी थी।

नए युग की शुरुआत: शुभमन गिल के नेतृत्व में


भारतीय क्रिकेट के लिए यह टेस्ट सीरीज कई मायानो मैं ऐतिहासिक थी। विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविंचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों की टेस्ट क्रिकेट  से संन्यास के बाद , शुभमन गिल को 25 साल की उम्र में भारत का  सबसे युवा टेस्ट कप्तान बनाया गया था। यह  जिम्मेदारी उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी।, क्योंकि इंग्लैंड की धरती पर  भारत  ने आखिरी बार 2007 में टेस्ट सीरीज जीती थी। इसी के साथ उप-कप्तान ऋषभ पंत और कोच गौतम गंभीर ने इस युवा टीम को एकजुट करने की कोशिश की। गौतम गंभीर  एक आक्रामक और रणनीतिक कोच के रूप में जाने जाते हैं, ने इस सीरीज को भारतीय क्रिकेट के भविष्य को परिभाषित करने का अवसर माना।

भारतीय टीम में यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साईं सुदर्शन, करुण नायर और ध्रुव जुरैल जैसे खिलाड़ी शामिल थे, जो अनुभव और युवा जोश का मिश्रण थे।दूसरी और गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी थे। इस सीरीज में  भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी संतुलित गेंदबाजी और मध्म क्रम की बल्लेबाजी है।

इंग्लैंड की रणनीति और “बेजबॉल ” का प्रभाव 

इंग्लैंड की टीम ,बेन स्टोक्स और कोच ब्रैंडन  मैकुलम के नेतृत्व में, अपनी आक्रामक रणनीति के लिए जानी जाती है । यह रणनीति तेजी से रन बनाने और विपक्षी टीम पर दबाव डालने पर केंद्रित है। इंग्लैंड की बल्लेबाजी मैं जो रूट, हैरी ब्रुक, और बेन डकेट जैसे  खिलाड़ी शामिल थे, जबकि गेंदबाजी में क्रिस वोक्स,ब्रायडेन और शोएब बशीर जैसे नाम थे।जेम्स एंडरसन ,जिन्होंने भारत के खिलाफ 149 विकेट लिए थे ,इस सीरीज में नहीं खेल रहे थे, जिसने इंग्लैंड की गेंदबाजी को कुछ हद तक कमजोर किया था। फिर भी, स्टोक्स की कप्तानी और जो रूट की फॉर्म भारत के लिए एक बड़ा खतरा थी।

पिच और मौसम की स्थितिपिच

इंग्लैंड स्टेडियम हेडिंग्ले की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है ,लेकिन पहले दिन यह बल्लेबाजों के लिए भी अनुकूल थी। बीबीसी के अनुसार ,पहले तीन दिन मौसम साफ और धूप वाला रहने की उम्मीद थी, जिसका अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक था। हालांकि ,आखिरी दो दिनों में तापमान 23 डिग्री तक गिरने और हल्की बारिश की संभावना थी इन परिस्थितियों ने दोनों टीमो के लिए रणनीति बनाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, जो तेज़ गेंदबाजी की ताकत को दर्शाता था।

पहले दिन का खेल :भारत की अच्छी शुरुआत

भारत की पारी  की शुरुआत जायसवाल और केएल राहुल ने की। दोनों ने सतर्कता के साथ बल्लेबाजी शुरू की, क्योंकि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स और जोश टांग शुरुआती ओवरों मैं आक्रामक दिखे। यशस्वी ने अपनी आक्रामक शैली को नियंत्रित रखते हुए कुछ शानदार कवर ड्राइव लगाए जबकि राहुल ने अपनी तकनीक का प्रदर्शन किया । पहले शास्त्र में भारत ने बिना किसी नुकसान के 91 रन बनाए, जिसमें यशस्वी ने तेजी से अर्थशतक पूरा किया। यह उनका इंग्लैंड में पहला टेस्ट अर्थशतक था और कुल मिलाकर 11वा।

दूसरे सत्र में, हालांकि बेन स्टोक्स ने गेंदबाजी में बदलाव किया और खुद गेंद थामी। उनके इस फैसले ने रंग दिखाया जब उन्होंने साईं सुदर्शन को शून्य पर आउट कर भारत को पहला झटका दिया। सुदर्शन, जो इस मैच में डेब्यू कर रहे थे ,जेमी स्मिथ के हाथों कैच आउट हुए । इसके बाद कप्तान शुभमन गिल मैदान पर उतरे और उन्होंने यशस्वी के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी पूरी की। दिन के अंत तक भारत के दो विकेट खोकर 136 रन बनाए, जिसमें गिल और यशस्वी क्रीज पर थे।

इंग्लैंड की गेंदबाजी में अनुभव की कमी साफ दिखाई दी। जेम्स एंडरसन और मार्क वुड जैसे अनुभवी गेंदबाजों की अनुपस्थिति में , क्रिस वोक्स और जोश टांग पर बड़ी जिम्मेदारी थी। हालांकि,हेडिंग्ले की पिच, जो आमतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए  मददगार होती है, इस बार सुखी और गर्म मौसम के कारण अपेक्षाकृत सपाट थी। इससे भारतीय बल्लेबाजों को रन बनाने में आसानी हई ।शोएब बशीर, इंग्लैंड के एकमात्र स्पिनर, ने कुछ ओवर डाले, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ सहजता से खेल दिखाया।

इंग्लैंड की बाज़बाल रणनीति जो आक्रामक बल्लेबाजी पर आधारित है ,इस टेस्ट में कितनी प्रभावी होगी, यह उनकी बल्लेबाजी के दौरान ही पता चलेगा। जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे अनुभवी खिलाड़ी इस रणनीति को लागू करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

ऐतिहासिक महत्व और आंकड़े 

यह टेस्ट क्रिकेट सीरीज भारत और इंग्लैंड के बच ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता का एक और अध्याय है।दोनों टीमें अब तक 131 टेस्ट माचो में आमने-सामने हो चुकी है,जिसमें इंग्लैंड ने 50 जीते ,भारत ने 35 और 46 ड्रॉ रहे। भारत ने 1986 में इंग्लैंड में अपनी  आखिरी टेस्ट सीरीज जीती थी, जब कपिल देव की अगुवाई में भारत ने 2-0से जीत हासिल की थी ।

जो रूट इंग्लैंड के लिए सर्वकालिक टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत के खिलाफ 2,886 रन बनाए हैं। वही जसप्रीत बुमराह भारत के लिए एक प्रमुख हथियार हैं, जिन्होंने रूट को नौ बार आउट किया है।

प्रशंसकों की उम्मीदें

भारत और इंग्लैंड के बीच यह टेस्ट सीरीज क्रिकेट क्रिकेट फैंस के लिए एक रोमांचक अनुभव होने वाला है ।भारतीय प्रशंसक शुभमन गिल और उनकी युवा टीम से नई ऊंचाइयों की उम्मीद कर रहे है, जबकि इंग्लैंड अपने घरेलू मैदानों पर “बाजबाल” की आक्रामक शैली को लागू करने के लिए उत्साहित हैं। पहले दिन के खेल ने इस सीरीज के रोमांचक होने का संकेत दे दिया है, और आने वाले दिन निश्चिंत रूप से और अधिक रोमांचक होंगे।

 

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